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लेखनी प्रतियोगिता -26-Jan-2024 बचपन वाला गणतंत्र दिवस



शीर्षक = बचपन वाला गणतंत्र दिवस




15 अगस्त ,2 अक्टूबर,5 सितम्बर,14 नवंबर और 26 जनवरी यानी की गणतंत्र दिवस इनको मनाने की ख़ुशी जितनी अब होती है उससे कही ज्यादा बचपन में हुआ करती थी ज़ब हम छोटे बच्चे हुआ करते थे

वो हफ्तों पहले से स्कूल में होने वाली रिहर्सल वो क्लास टीचर से अपना अपना नाम लिखवाना कौन किस में भाग लेगा, लड़कियां डांस में भाग लेती थी लड़के भाषण में और कुछ बस मिठाई के इंतज़ार में रहते थे ये कुछ ऐसे दिन होते थे ज़ब स्कूल से कुछ मिलने की उम्मीद हुआ करती थी फिर चाहे वो छठाक भर नुक़्तियां हो या फिर लड्डू उसे दोस्तों के साथ छीन कर खाने का मजा ही अलग था

उससे ज्यादा मजा था घर घर जाकर फूल इकट्टे करने का कौन कितने फूल इकट्ठे करके लाता है इस बात की प्रतियोगिता हमेशा ही रहती थी


उससे भी कही ज्यादा ख़ुशी इस बात की होती थी की उस दिन बसता लेकर किताबें लेकर नही जाना होता था और तो और उस दिन छुट्टी भी जल्दी हो जाती थी हाँ बस कुछ अध्यापकों के लम्बे लम्बे लेक्चर सुनना पड़ते थे जो शायद उस समय सामने रखी मिठाई के आगे बहुत ही बोरिंग लगते थे बस यही ख्वाहिश रहती थी कि कब इनके भाषण ख़त्म हो और मिठाई मिले


जहाँ तक हमें याद है शायद ही कोई ऐसा राष्ट्रीय पर्व रहा होगा जिसे हमने स्कूली दिनों में छोड़ा होगा एक बार तो 26 जनवरी पर बहुत तेज बारिश हो रही थी हमारी तरफ,एक रात पहले से ही मौसम बहुत खराब हो गया था और सुबह से ही बारिश शुरू हो गयी थी सब बच्चों ने बहुत तैयारी की थी खेर हमने तो किसी में भाग नही लिया था लेकिन फिर भी स्कूल जाने का क्रेज़ था बाकि बहुत से बच्चों ने भाग लिया था किसी ने नाटक में तो किसी ने भाषण में और वो लोग उसकी तैयारी बहुत दिनों से कर रहे थे लेकिन बारिश ने सारा मजा किरकिरा सा कर दिया था


लेकिन हम बच्चे कहा रुकने वाले थे बारिश में ही भीगते भीगाते स्कूल पहुंच गए कुछ अध्यापक भी वहा आये हुए थे उन्हें हमें और हमें उनको देख कर बहुत ख़ुशी हुयी आखिर कार थोड़ी देर बाद बारिश रुक गयी और बच्चे भी आ गए थे उस बार स्कूल में ध्वजा रोहण थोड़ी देर से हुआ बारिश के चलते

जिन जिन बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लिया था वो भी आ गए थे  उसी के साथ प्रधानचार्य जी ने 26 जनवरी के बारे में बताना शुरू किया

 26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और चूंकि यह दिन किसी विशेष धर्म, जाति या संप्रदाय से न जुड़कर राष्ट्रीयता से जुड़ा है, इसलिए देश का हर बाशिंदा इसे राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है। 
 
अंग्रेजो की गुलामी से आजादी के बाद हमारा सविधान बनने में 2 साल 11 माह और 18 दिनों का समय लगा जो कि 26 जनवरी 1950 को बनकर तैयार हुआ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता माना जाता है

उसी के साथ अन्य महापुरुषों को याद भी किया जाता है उनके बलिदानों के बदौलत ही आज हम आजाद देश के नागरिक है और भी न जाने क्या कुछ बताया प्रधानचार्य जी ने ताकि हम सब बच्चे अपने महापुरुषों के जीवन से कुछ सीख सके


उसी के साथ जिन जिन बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लिया था उसे भी पूरा किया गया और आखिर कार वो घड़ी आ ही गयी ज़ब सारे कार्यक्रम समाप्त हुए और सारे बच्चों को लाइन में लगाया गया ताकि मिठाई वितरण की जा सके और इस तरह वो बचपन वाला गणतंत्र दिवस एक सुनहरी याद बन कर हमारे दिल और दिमाग़ में अपना घर बना गया है


समाप्त...
प्रतियोगिता हेतु....
आप सब ही को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

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6 Comments

Gunjan Kamal

27-Jan-2024 09:27 AM

शानदार

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Dilawar Singh

26-Jan-2024 11:25 PM

👌👌

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Khushbu

26-Jan-2024 10:33 PM

Nice one

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